उसकी आँखें हैं या कोई तिलस्मी मंजर है 'उदय'
सिर्फ देखा है एक बार, और हम अपने नहीं रहे !
...
वो तो, तेरी आँखों में नमी, हमसे देखी नहीं जाती
वर्ना ! तुझसा फरेबी, हमने देखा नहीं अब तक !!!
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"