"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Saturday, August 7, 2010
सेल्स गर्ल
सेल्स गर्ल का आफिस में आगमन हुआ अधिकारी महोदय अपने कार्य में व्यस्त थे ... सामने कुर्सी में बैठने को कहा ... लगभग पंद्रह मिनट बाद अधिकारी ने कहा - बताइए मैडम कैसे आना हुआ ... सर कैलकुलेटर, घड़ी, टार्च बगैरह बेचने आई हूं यदि आप भी कुछ खरीद लेते ... मेरी टेबल पर कैलकुलेटर है, हाथ में घड़ी है, टार्च की जरुरत पड़ती नहीं है ... फिर भी कुछ देख लीजिये शायद घर में काम आ जाए ... घर में भी जरुरत नहीं है पर शायद ... हां हां बोलिये रुक क्यों गए ... नहीं नहीं जाने दीजिये ... बोलिए संकोच मत करें ... बीबी मायके में रहती है यहां मैं अकेला ही रहता हूं आप सोच सकती हैं क्या जरुरत पड़ सकती है मुझे ! ... क्या मतलब है आपका ? ... खैर जाने दीजिये, मेरी परेशानी मैं भोग लूंगा ... साफ़ साफ़ कहिये क्या चाहते हैं, कहीं मुझे देख कर आपके मन में कोई ख्याल तो नहीं आ रहा है ? ... ख्याल, नहीं नहीं कुछ गलत मत समझिये आप ... गलत नहीं समझ रही हूं , कितनी सेलरी मिलती है आपको ... पच्चीस हजार ... हाथ बढाते हुए ... सेलरी हाथ में रख दीजिये, बीबी की कमी पूरी हो जायेगी ... कहिये क्या ख्याल है ? ... अधिकारी सोच में पड़ गया ... घबराइये मत मैं भी किसी की बीबी हूं, मेरा पति भी चालीस हजार रुपये महीना कमाता है पर मुझे साथ नहीं रखता है ... साला हरामी ... तुम्हारे जैसा ही गुलछर्रे उडाता होगा ... तब ही तो न पैसे भेजता है, न आता है और न ही मुझे ले जाता है, कुत्ता कहीं का ... पर साब आप किस सोच में पड़ गए ... बीबी के बारे में सोच रहे हैं या पच्चीस हजार के बारे में ... अधिकारी सिर खुजाते बैठ गया और दूसरे ही पल सेल्स गर्ल उठकर चली गई ... !!
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5 comments:
Uf! Aisabhi hota hai?
बहुत बढिया है-जैसे को तैसा हो रहा है।
अच्छी कहानी। इसे व्यंग्य कहें या सच्चाई, पर है नहले पर दहला।
उदय जी, आज फ़ेसबुक पर आपकी रिक्वेस्ट देख कर एड किया और आपके ब्लॉग तक पहुँच गई। इमानदारी से कहूँ तो जो जल्दी से कोई लिख नही पाता आपकी हर पोस्ट में नजर आया। जबरदस्त लेखन के लिये आपको बहुत-बहुत बधाई और मेरी शुभकामनायें।
hakkabakka ka diya sales girl ke vartalap ne......
badiya vyang.......
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