चीख !
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किसी की चीख तुम्हें पुकार रही है
वहाँ .. उस खंडहर से ...
तुम जाओगे न ?
शायद तुम्हारी हिम्मत
किसी छेड़छाड़, बलात्कार, हत्या को रोक दे
हिम्मत करोगे न ?
या फिर, आस-पास से गुजर रहे
अन्य लोगों की तरह
तुम भी, चीख को अनसुना मान गुजर जाओगे ??
जोखिम तो है
चीख सुनने में, हिम्मत दिखाने में ..
पर तुम, कभी, अपने आप से झूठ नहीं बोल पाओगे
कि -
तुमने चीख सुनी ही नहीं ???
- श्याम कोरी 'उदय'
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किसी की चीख तुम्हें पुकार रही है
वहाँ .. उस खंडहर से ...
तुम जाओगे न ?
शायद तुम्हारी हिम्मत
किसी छेड़छाड़, बलात्कार, हत्या को रोक दे
हिम्मत करोगे न ?
या फिर, आस-पास से गुजर रहे
अन्य लोगों की तरह
तुम भी, चीख को अनसुना मान गुजर जाओगे ??
जोखिम तो है
चीख सुनने में, हिम्मत दिखाने में ..
पर तुम, कभी, अपने आप से झूठ नहीं बोल पाओगे
कि -
तुमने चीख सुनी ही नहीं ???
- श्याम कोरी 'उदय'