Saturday, March 24, 2012

जूते ...

मेरी बस्ती में
कुछ ऐंसे लोग भी रहते हैं 'उदय'
जिन्हें -
फुर्सत नहीं है दूसरों के जूते उठाने से !
और वे ये चाहते हैं
कि -
कोई और, उनके जूते उठा के दे !!

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