लघुकथा : चोरी और सीनाजोरी
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( गाँव की चौपाल पर )
सरपंच - पंडित जी नमस्कार ... क्या बात है कुछ उदास-उदास से लग रहे हो ?
पंडित
जी - नमस्कार सरपंच साहब ... आओ बैठो ... हाँ ... कुछ उदासी की ही बात है
... बेटा जिसका नाम काफी सोच-विचार कर रखा था कि वह बड़ा होकर 'सत्य' के पथ
पर चलेगा तथा अंधेरों में 'प्रकाश' फैलायेगा ... किन्तु वह नाम तो नाम ...
कुल को कलंकित कर रहा है ।
सरपंच - अरे ... ऐसा क्या कर दिया लाडले बेटे ने ?
पंडित जी - अब क्या बताऊँ ... बताने में भी शर्म आ रही है ... बेटा शहर जाकर चोरी-चमारी सीख गया है ... ऐसा सुना है कि वह 'गूगल बाबा' के अफ्रीका, आस्ट्रेलिया व अमेरिका स्थित घरों से ... कभी चम्मची चिड़िया, कभी नीली मगरमच्छ, कभी बाज, तो कभी कुछ और चोरी कर-कर के अपने 'फेसबुक वाल' पर पोस्ट कर झूठी वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रहा है ... और तो और जब उसका कोई मित्र या हमदर्द उसे 'आईना' दिखाने का प्रयास करता है तो वह उसके खिलाफ 'दुष्प्रचार व मिथ्या प्रचार' कर बदनाम करने में लग जाता है ... ( पंडित जी अपने सर पर दुखद मुद्रा में हाथ रखते हुए ) ।
सरपंच - इसका मतलब कि वह चोरी के साथ-साथ सीनाजोरी भी कर रहा है !
पंडित जी - बिलकुल सही कहा आपने ... वह 'चोरी और सीनाजोरी' कहावत को चरितार्थ कर रहा है !
सरपंच - अरे ... ऐसा क्या कर दिया लाडले बेटे ने ?
पंडित जी - अब क्या बताऊँ ... बताने में भी शर्म आ रही है ... बेटा शहर जाकर चोरी-चमारी सीख गया है ... ऐसा सुना है कि वह 'गूगल बाबा' के अफ्रीका, आस्ट्रेलिया व अमेरिका स्थित घरों से ... कभी चम्मची चिड़िया, कभी नीली मगरमच्छ, कभी बाज, तो कभी कुछ और चोरी कर-कर के अपने 'फेसबुक वाल' पर पोस्ट कर झूठी वाह-वाही लूटने का प्रयास कर रहा है ... और तो और जब उसका कोई मित्र या हमदर्द उसे 'आईना' दिखाने का प्रयास करता है तो वह उसके खिलाफ 'दुष्प्रचार व मिथ्या प्रचार' कर बदनाम करने में लग जाता है ... ( पंडित जी अपने सर पर दुखद मुद्रा में हाथ रखते हुए ) ।
सरपंच - इसका मतलब कि वह चोरी के साथ-साथ सीनाजोरी भी कर रहा है !
पंडित जी - बिलकुल सही कहा आपने ... वह 'चोरी और सीनाजोरी' कहावत को चरितार्थ कर रहा है !
~ श्याम कोरी 'उदय'
( कवि व लेखक )