डसने को आतुर, व्याकुल
कुछ नेता
रोज .. फुफकार रहे हैं
दिल्ली से ... ,
साँप नहीं, पर
साँपों से भी ज्यादा जहरीले उनके मंसूबे हैं
कब .. डस लें, लील लें
चितकार रहे हैं
बचो ..
छिपो ..
भागो ..
उनकी आँखें .. तुम पर ही टिकी हुई हैं ... !
~ उदय
कुछ नेता
रोज .. फुफकार रहे हैं
दिल्ली से ... ,
साँप नहीं, पर
साँपों से भी ज्यादा जहरीले उनके मंसूबे हैं
कब .. डस लें, लील लें
चितकार रहे हैं
बचो ..
छिपो ..
भागो ..
उनकी आँखें .. तुम पर ही टिकी हुई हैं ... !
~ उदय