उफ़ ! उन्हीं से चाहतें, उन्हीं से नफरतें
हे मौला ... ज़रा मेरा कुसूर तो बता ??
...
माना कि कशमकश में, खुदकुशी करके मरा है वो
पर, बुजदिल नहीं है, मौत को हरा कर गया है वो !
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जब उसने आते ही मुझे गुरु कहा था 'उदय'
मैं भांप गया था, मुझे चेला बनाने आया है !
1 comment:
जीवन में रोचकता बनाये रखती है कशमकश।
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