Monday, March 5, 2012

डगर ...

हे 'खुदा' तू ही सुझा दे, मैं चलूँ अब किस डगर
एक डगर माशूक है, तो एक डगर साकी खड़ी !
...
उफ़ ! खामों-खां जमाने ने मय पे तोमत मढ़ दी
खता उसकी नहीं थी, कदम मेरे लड़-खडाये थे !