Tuesday, November 23, 2010

लालकिला और ताज बेच दें !

चलो बेच दें, बढ़ो बेच दें
चलो आज कुछ नया बेच दें !

तब तब, जब जब जी ने चाहा
कुछ न कुछ हमने बेचा है !

मान, ईमान, स्वाभिमान, तो
हम कब का ही बेच चुके हैं !

जिस्म-आबरू, बेच बेच के
खूब है हमने माल बटोरा !

गोला, बारूद, बंदूकों, के सौदे से
स्वीस बैंक में, है खाता खोला !

खेत, खलियान, और किसान का
सौदा पक्का कर के बैठे हैं !

बार्डर की भी, है डील चल रही
तब तक, कुछ न कुछ बेच दें !

चलो बेच दें, बढ़ो बेच दें
चलो आज कुछ नया बेच दें !

क्या अपना, क्या तुपना देखें
लाल किला और ताज बेच दें !!

19 comments:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

आप सोच रहे हैं, भाई लोग निपटा चुके होंगे..

arvind said...

क्या अपना, क्या तुपना देखें
चलो लालकिला और ताज बेच दें !!! ...kahi pahale hi bik to nahi gaya...?bahut badhiya kataksh system par.

Smart Indian said...

बिक गया जी।

समयचक्र said...

Bahut khoob .... jarur bikega...

रश्मि प्रभा... said...

gr8 sach

vandana gupta said...

अगला इन्ही का नम्बर है।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

:) बंटी बबली ने तो ताज बेच ही दिया है ...

बहुत अच्छा कटाक्ष

प्रवीण पाण्डेय said...

बस वही बाकी रह गया है।

Tausif Hindustani said...

जब तक हम आप जात ,पांत , धर्म , छेत्र के आधार पर अपना मत देते रहेंगे यही स्थिति रहेगी
बेहतरीन कटाक्ष
dabirnews.blogspot.com

मंजुला said...

sachhi batati ek achhi rachna

Taarkeshwar Giri said...

Jo kharidega wo to jarur marega

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

काश, मेरा बस चलता तो मैं दस जंपथ बेच देता !
नोट: यह टिपण्णी बदले में टिपण्णी पाने की गरज / उम्मीद से नहीं की गई है

Deepak Saini said...

वाह क्या कटाक्ष है
वैसे डील चल रही होगी

निर्मला कपिला said...

दुनिया की मंडी मे सब कुछ बिकाऊ है। आज की दुर्दशा पर मन का अक्रोश शब्दों मे अच्छे से महसूस किया जा सकता हौइ। अच्छी लगी रचना। शुभकामनायें।

shikha varshney said...

अरे ये अभी तक बचे हैं क्या?

संजय @ मो सम कौन... said...

सही है जी, बेच बाच कर साईड करो, न तो कोई और बेच देगा अगर अब तक सौदा नहीं हुआ तो:

महेन्‍द्र वर्मा said...

धारदार भाला चुभोया है आपने...बहुत ही करारा व्यंग्य।

ASHOK BAJAJ said...

चलो बेच दें, बढ़ो बेच दें
चलो आज कुछ नया बेच दें !

यह कविता बड़ी अच्छी लगी .

ZEAL said...

jabadast vyang !