Thursday, June 23, 2011

आजाद हिन्दोस्तान ...

देश का आमजन
भ्रष्टाचार से हलाकान है
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !

सड़ रहे अनाज के बोरे
भूख से जाग रहा इंसान है
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !

कालाधन भरा पडा है
कर्ज में डूबा आम इंसान है
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !

बूढ़े लड़ते खड़े हुए हैं
युवा सत्ता में आसीन हैं
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !

लुटेरे संसद में बैठें
अपराधियों की शान है
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !

तीनों-चारों बंदरों में
एक-दूजे का सम्मान है
क्या यही गांधी का
आजाद हिन्दोस्तान है !!