Wednesday, July 13, 2011

जन्मसिद्ध अधिकार ...

कोई कुछ भी कहे
कहता रहे
हम भ्रष्ट हैं तो हैं
और आगे भी रहेंगे
पर हम किसी के कहने से
चीखने-चिल्लाने से
भ्रष्टाचार नहीं छोड़ेंगे !
भ्रष्टाचार करना
हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है !

जन्मसिद्ध इसलिए कि -
हमने -
भ्रष्ट राजनैतिक कोख से जन्म लिया है
अब -
जब जन्म ले ही लिया है तो
हम -
कैसे पथभ्रष्ट हो सकते हैं !

भ्रष्टाचार
हम करेंगे, करते रहेंगे
न सिर्फ हमारा
वरन
हमारी सारी विरादरी का
ये जन्मसिद्ध अधिकार है !
जय भ्रष्टाचार
जय जय भ्रष्टाचार !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

और हम इसे पाकर रहेंगे।