सिर काट दो .. नाक काट दो ..
उड़ा दो ..
उठा लो ...
आग लगा दो, रौंद दो, लूट लो इज्जत, ...
ये "मन की बातें हैं".. पर किसके, किस-किस के मन की ?
क्या "मन की बातें" ऐंसी होती हैं ??
हिंसक .. आपराधिक ....
क्या .. हम सब ... "मूकबधिर" हो गए हैं ..
जो ....
ऐंसी "बातें" .. "मन की बातें" .. सुनकर भी ... ???
~ श्याम कोरी 'उदय'
उड़ा दो ..
उठा लो ...
आग लगा दो, रौंद दो, लूट लो इज्जत, ...
ये "मन की बातें हैं".. पर किसके, किस-किस के मन की ?
क्या "मन की बातें" ऐंसी होती हैं ??
हिंसक .. आपराधिक ....
क्या .. हम सब ... "मूकबधिर" हो गए हैं ..
जो ....
ऐंसी "बातें" .. "मन की बातें" .. सुनकर भी ... ???
~ श्याम कोरी 'उदय'