"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
उस शहर में बीपी का मरीज नहीं होगाजिस शहर में अखबार जाता नहीं होगा।
aajkal akhbaaron me inke alava aata bhi kya hai aadi to har koi vyakti ho sakta hai.sahi kataksh kiya hai.
वक्त बड़ा बेईमान है..
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3 comments:
उस शहर में बीपी का मरीज नहीं होगा
जिस शहर में अखबार जाता नहीं होगा।
aajkal akhbaaron me inke alava aata bhi kya hai aadi to har koi vyakti ho sakta hai.sahi kataksh kiya hai.
वक्त बड़ा बेईमान है..
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