Friday, January 13, 2012

प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान के नाम एक पत्र ...

संस्थापकगण / आयोजकगण
सादर नमस्कार

प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान के आयोजनों पर समय समय पर मेरी नजर गई है, मैंने देखा व महसूस किया है कि संस्थान के आयोजन अक्सर राष्ट्र स्तरीय हो रहे हैं ( संभव है प्रदेश स्तरीय आयोजन भी हो रहे हों, जो मेरी नजर में न आए हों ) ... इन आयोजनों को देखकर / पढ़कर / सुनकर मुझे ऐंसा जान पड़ता है कि यह संस्थान मुख्य रूप से राष्ट्र स्तरीय आयोजनों को प्राथमिकता दे रही है !

संभव है संस्थान का गठन राष्ट्र स्तरीय आयोजनों के लिए ही किया गया हो, अभी तक प्रकाश में आए आयोजनों के लिए निसंदेह संस्थान की प्रसंशा होनी चाहिए, मैं व्यक्तिगत तौर पर संस्थान से जुड़े सभी बुद्धिमान महानुभावों को बधाई देता हूँ तथा भविष्य में आयोजित होने वाले आयोजनों के लिए शुभकामनाएं भी देता हूँ !

किन्तु, मेरा आग्रह है कि - यदि संस्थान छत्तीसगढ़ माटी में जन्में, जुड़े व निवासरत साहित्यिक प्रतिभाओं को भी सराहने, उभारने व पुरुस्कृत करने जैसे आयोजनों को प्राथमिकता दे तो यह अत्यंत ही गौरव की बात होगी ... मुझे आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि संस्थान अपनी आगामी योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश स्तर के आयोजनों को भी प्राथमिकता प्रदान करेगी !

एक वृक्ष की छाया पर जितना अधिकार दूर से आ-जा रहे राहगीरों व मुसाफिरों का होता है ठीक उतना ही घरेलू व नजदीकी लोगों का भी होता है, संस्थान के अभी तक के आयोजनों को देखकर / पढ़कर / सुनकर यह तो स्पष्ट है कि राहगीर व मुसाफिर तो लाभान्वित हुए हैं / हो रहे हैं, किन्तु यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि घरेलू व नजदीकी लोग नजर अंदाज हुए हैं / हो रहे हैं !

मैं यह नहीं कहता कि यह दुर्भावना पूर्ण हुआ है या हुआ होगा, संभव है यह आयोजनों के रणनीतिकारों के ध्यान में न आया हो, या प्रदेश स्तरीय आयोजन रणनीति के हिस्सा ही न हों !

इस स्वतन्त्र व खुले पत्र के माध्यम से मेरा व्यक्तिगत तौर पर एक छोटा सा आग्रह व अनुरोध है कि -
१- साल में कम से कम एक साहित्यिक आयोजन प्रदेश स्तरीय अवश्य करें !
२- प्रदेश की साहित्यिक प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करें !
३- प्रदेश की साहित्यिक प्रतिभाओं को अलग अलग विधाओं के अनुरूप पुरुस्कृत करें !
४- प्रदेश की साहित्यिक प्रतिभाओं को उनके लेखन की श्रेष्ठता के अनुरूप प्रकाशन संबंधी मंच प्रदान करने में सहयोग करें !
५- प्रदेश की साहित्यिक प्रतिभाओं को प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए यथासंभव योजनाएं संचालित करें !
६- प्रदेश की साहित्यिक प्रतिभाओं की झिझक को दूर करने व प्रोत्साहन करने संबंधी आयोजनों को प्राथमिकता दें !
७- इत्यादि !

मेरा यह अनुरोध न सिर्फ प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान से है वरन अन्य स्थापित साहित्यिक संस्थाओं से भी है, सांथ ही सांथ देश के सभी संस्थानों से भी आग्रह है कि वे भी अपने अपने प्रदेशों में इस तरह के आयोजनों की ओर अग्रसर हों !

शुभकामनाएं !

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

ऐसे आयोजनों से प्रोत्साहन मिलेगा, साहित्य को।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई…