कुत्ते की दुम नहीं, हैं खिलौने मिट्टी के
टूटना नसीब है, झुकना अदा नहीं !
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हाल-ए-दिल अपना सुनाएँ, अब हम किसे
सच ! प्यार भी अब हो गया व्यापार है !!!
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कदम मेरे, ये किस बस्ती में आ पहुंचे हैं 'उदय'
उफ़ ! यहाँ हर शख्स खुद को 'खुदा' कहता है !
1 comment:
अजब तमाशा है ये दुनिया..
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