"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
तिलस्म बाकायदा पसरा है।
वो तो, तेरी आँखों में नमी, हमसे देखी नहीं जातीवर्ना ! तुझसा फरेबी, हमने देखा नहीं अब तक !!! WAH KYA BAAT HAI...:)
दोनों शेर लाजबाब , मुबारक हो
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3 comments:
तिलस्म बाकायदा पसरा है।
वो तो, तेरी आँखों में नमी, हमसे देखी नहीं जाती
वर्ना ! तुझसा फरेबी, हमने देखा नहीं अब तक !!!
WAH KYA BAAT HAI...:)
दोनों शेर लाजबाब , मुबारक हो
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