“ भ्रष्टाचार मुक्त समाज की कल्पना करना आश्चर्य है किंतु आश्चर्य असंभव नही होते।”
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Thursday, April 30, 2009
Wednesday, April 29, 2009
शेर - 29
पीछे पलट के देखने की फुर्सत कहाँ हमें
कदम-दर-कदम हैं मंजिलें बडी ।
Tuesday, April 28, 2009
बोल-अनमोल
“ भोग व योग दोनों का प्रतिफल संतुष्टि प्रदायक है किंतु भोग का प्रतिफल क्षणिक व व्यक्तिगत है और योग का प्रतिफल विस्तृत व सामाजिक है।”
Sunday, April 26, 2009
जूता फेंको आंदोलन - 2
महाराष्ट्र के नन्दूरवार में कांग्रेस प्रत्याशी माणिकराव गावित के पक्ष मे प्रचार कर रहे सिने अभिनेता जीतेन्द्र पर जूता(चप्पल) क्यों फेंका गया ?
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अहमदाबाद मे सभा के दौरान इंजीनियरिंग छात्र हितेश चौहान के द्वारा जूता क्यों फेंका गया ?
भाजपा नेता लालकृष्ण अडवाणी पर अहमदाबाद क्षेत्र मे भगवा कपडे पहने साधू - धर्मदास बापू के द्वारा जूता(चप्पल) क्यों फेंकी गई ?
क्या राजनैतिक हस्तियाँ जूतों से बचने हेतु सुरक्षागत उपाय करेंगी ?
क्या राजनैतिक हस्तियों के आचरण, व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता है ?
जूता फेंको आंदोलन . . . . . . . . . . . . ?
Saturday, April 25, 2009
Tuesday, April 21, 2009
शेर - 28
पैसा बडा है, ईमान बदल दे
पर इतना भी नहीं, कि कुदरत को बदल दे।
Saturday, April 18, 2009
जूता फेंको आंदोलन - 1
जूता फेंको आंदोलन के उद्देश्य में क्या सफलता मिल पायेगी ?
अमरिका के राष्ट्रपति जार्ज बुश पर जूता क्यों फेंका गया ?
भारत के गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर जूता क्यों फेंका गया ?
हरियाणा के कांग्रेसी नेता नवीन जिंदल पर जूता क्यों फेंका गया ?
भाजपा नेता लालकृष्ण अडवाणी पर जूता(खडाउ चप्पल) क्यों फेंकी गई ?
असम के कांग्रेसी सांसद अनवर हुसैन पर कनबरी गाँव मे जूते क्यों फेंके गये ?
राजनैतिक हस्तियों पर ही जूते क्यों फेंके जा रहे हैं ?
जूता फेंको आंदोलन . . . . . . . . . . . . ?
Monday, April 13, 2009
शेर - 27
खौफ है तो, तेरी कातिल अदाएँ हैं ।
Friday, April 10, 2009
शेर - 26
बडा मुश्किल है जीना, यारों के चलन में
यारों से, रकीबों के रिवाज अच्छे हैं ।
Wednesday, April 8, 2009
टिप्पणी
"... धर्म-कर्म को छोड गया हूँ
जात-पात को भूल गया हूँ
प्याला हाथ में उठा लिया हूँ
सब से हाथ मिला लिया हूँ
गोरे-काले की बात नही है
ऊँच-नीच का भेद नही है
जाम-से-जाम लडा रहा हूँ
पी-पी कर अब झूम रहा हूँ ...।"
ये पंक्तियाँ आदरणीय महावीर जी के ब्लाग पर टिप्पणी स्वरूप प्रकाशित की गई हैं कभी फुर्सत मे पूर्ण कर प्रकाशित करने का प्रयास होगा।
Sunday, April 5, 2009
खामोशी ...
तुम अक्सर मुझसे बातें करती हो
सामने रहकर
खामोश बनकर मुझसे बातें करती हो !
तुम चाह कर भी
जुबाँ से कुछ कहती नहीं
विदा होने पर
मिलने का वादा करती नहीं
क्या समझें हम तुम्हें
कि तुम चाहती हो
पर चाहत का इकरार करती नहीं !
सुना है लोग कहते हैं
कि जब तुम उनसे मिलती हो
तो सिर्फ मेरी ही बातें करती हो
पर जब मेरे पास होती हो
तब क्यों खामोश रहती हो !
ऎसा लगता है
कि तुम हर पल अपने आप से
सिर्फ मेरी ही बातें करती हो
पर जब मेरे पास होती हो
तब क्यों खामोश रहती हो !
अब क्या कहें अपने ‘दिल’ से
जब वो हमसे पूछता है
कि ‘उदय’ तेरी आशिकी
पत्थर दिल क्यों है!
अब क्या कहूँ
जब तुने मुझसे कुछ कहा नही !!
Saturday, April 4, 2009
बोल-अनमोल
“दृढ इच्छाशक्ति व मजबूत इरादों वाले जुनूनी व्यक्ति के लिये इस दुनिया में कुछ भी असंभव नही है।”