कडुवा सच ...
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Thursday, July 23, 2015
करार ...
सच ! फिर से मिलने की शर्त पे, हुआ बिछड़ने का करार है
मगर अफसोस 'उदय', वक्त का, कहीं जिक्र तक नहीं है ??
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