"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बेहतरीन..
वाह वाह! क्या बेहतरीन पंक्तियाँ हैं!
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2 comments:
बेहतरीन..
वाह वाह! क्या बेहतरीन पंक्तियाँ हैं!
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