Monday, March 19, 2012

बहरूपिया ...

वह दहाड़ता नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है
कि वह 'शेर' नहीं है ! है तो जरुर, मगर गूंगा है !!
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उफ़ ! क्या गजब बहरूपिया है यार मेरा
कभी चोर, तो कभी कोतवाल होता है !!
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सच ! जब जब देखूं तुझे, तू आईने में कुछ-न-कुछ ढूँढती दिखे है
एक बार मेरी आँखों में झाँक के देख, वो सब तुझे मिल जाएगा !

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

समाज का एक और सत्य।