"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बधाई सत्यता के धरातल का बोध करत रचना के लिए. होली की मंगलमयी शुभकामनाएं.
सब ऊर्जा बचा रहे हैं..
Post a Comment
2 comments:
बधाई सत्यता के धरातल का बोध करत रचना के लिए. होली की मंगलमयी शुभकामनाएं.
सब ऊर्जा बचा रहे हैं..
Post a Comment