'आम आदमी' तो 'आम आदमी' है
न तो पहले कभी मरा है
और न ही
आगे … कभी मरेगा !
क्यों ?
क्योंकि -
जब तक 'आम आदमी' है …
ठीक तब तक ही 'ख़ास आदमी' है
पर,
अब, शायद …
'आम आदमी' की बारी है ?????
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"