Wednesday, April 30, 2014

शायद …

'आम आदमी' तो 'आम आदमी' है 
न तो पहले कभी मरा है 
और न ही 
आगे … कभी मरेगा !
 
क्यों ?
क्योंकि - 
 
जब तक 'आम आदमी' है … 
ठीक तब तक ही 'ख़ास आदमी' है 
पर, 
अब, शायद … 
'आम आदमी' की बारी है ?????

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