एक दिन बड़े साहब का मन हुआ
कविता लिखने का
फिर क्या था
बड़े साहब ने एक धांसू कविता लिख डाली
धांसू इतनी कि -
कविता की किताब तक छप गई
कविता पढी किसी ने नहीं
पर
छपते-छपते ही एक हजार किताबें बिक गईं
एक हजार ?
वो ... इसलिये कि -
उनके अधिनस्त एक हजार चेले-चपाटे थे
इसलिए -
किताबें फटा-फट खरीद ली गईं
अब
बड़े साहब कवि बन गए हैं
और तो और
उनके सम्मान और पुरूस्कार की तैयारी
जोर-शोर से चल रही है, सुनते हैं -
बड़े साहब
प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ कवि घोषित होने वाले हैं !!
3 comments:
शहर के कवि नुक्कड़ पर बैठकर माथा पीट रहे हैं:)
जय हो..
यही है साहबी का कमाल!
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