Thursday, April 26, 2012

बड़े साहब की कविता ...

एक दिन बड़े साहब का मन हुआ 
कविता लिखने का 
फिर क्या था 
बड़े साहब ने एक धांसू कविता लिख डाली 
धांसू इतनी कि -
कविता की किताब तक छप गई 
कविता पढी किसी ने नहीं 
पर 
छपते-छपते ही एक हजार किताबें बिक गईं 
एक हजार ?
वो ... इसलिये कि -
उनके अधिनस्त एक हजार चेले-चपाटे थे 
इसलिए -
किताबें फटा-फट खरीद ली गईं 
अब 
बड़े साहब कवि बन गए हैं 
और तो और 
उनके सम्मान और पुरूस्कार की तैयारी 
जोर-शोर से चल रही है, सुनते हैं -
बड़े साहब 
प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ कवि घोषित होने वाले हैं !!

3 comments:

देवेन्द्र पाण्डेय said...

शहर के कवि नुक्कड़ पर बैठकर माथा पीट रहे हैं:)

प्रवीण पाण्डेय said...

जय हो..

Smart Indian said...

यही है साहबी का कमाल!