चिटठी भेज कर उन्ने, हमें दिल्ली बुलाया है 'उदय'
काश ! ट्रेन में चिटठी, टिकिट का काम भी करती !!
...
सच ! तू अपनी खुबसूरती पे गुरुर न कर
सुबह से शाम होने में समय नहीं लगता !!
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देर-सबेर 'उदय', अपनी भी हरेक मंशा पूरी होगी
बस, चलते रहने के लिए, हौसले की दरकार है !
4 comments:
सच ! तू अपनी खुबसूरती पे गुरुर न कर
सुबह से शाम होने में समय नहीं लगता !!
...बहुत खूब।
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सच ! तू अपनी खुबसूरती पे गुरुर न कर
सुबह से शाम होने में समय नहीं लगता !!
देर-सबेर 'उदय', अपनी भी हरेक मंशा पूरी होगी
बस, चलते रहने के लिए, हौसले की दरकार है !
बहुत ख़ूब !
आदरणीय उदय जी
सस्नेहाभिवादन !
आपकी छोटी छोटी रचनाएं कमाल हैं !
शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ट्रेन में चिठ्ठी भी टिकट का काम करेगी, पैसा भेजने वाले से वसूला जायेगा।
काश ! ट्रेन में चिटठी, टिकिट का काम भी करती !!
आईडिया अच्छा है
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