क्या गजब ढाते हो यारो, भ्रष्टाचार का खुल्लम-खुल्ला मौक़ा देते हो
और जब कर देते हैं हम भ्रष्टाचार, फिर चिल्ल-पौं पर उतर आते हो !
..............
हमारा खजाना है, लूट रहे हैं, देश के खजांची जो हैं
तुम्हारा क्या लूट लिया, जो ख़ामो-खां चिल्ला रहे हो !
..............
लो भाई ये भी खूब रही, पहले नेता बना दिया
एक-दो घोटाले क्या हुए, अब लुटेरा कह रहे हो !
..............
कल एक नेता हार्ट अटैक में चल बसा
बेचारा स्वीस बैंक का कोड दिल में रखे था !
..............
चुनाव जिताकर भेज दिया, दिल्ली हमको
अब हमारे लौटने की, क्यों राह तकते हो !
11 comments:
कल एक नेता हार्ट अटैक में चल बसा
बेचारा स्वीस बैंक का कोड दिल में रखे था !
बढ़िया व्यंग ..
उत्तम...
कल एक नेता हार्ट अटैक में चल बसा
बेचारा स्वीस बैंक का कोड दिल में रखे था !
ये तो होना ही था ना फिर तो……………आजकल बहुत करारी चोट कर रहे हैं।
इतना अधिक धन और इतना भारी कोड, दिल संभाल नहीं पाया।
पहले था दाल में काला अब काले में दाल है ! दुनियां छःआळ रही है, हमें यही मलाल है !
वाह जी वाह, सुन्दर व्यंग्य.
कल एक नेता हार्ट अटैक में चल बसा
बेचारा स्वीस बैंक का कोड दिल में रखे था !
...vaah.
सुन्दर व्यंग ।
लो भाई ये भी खूब रही, पहले नेता बना दिया
एक-दो घोटाले क्या हुए, अब लुटेरा कह रहे हो !
बहुत सटीक व्यंग्य..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
कल एक नेता हार्ट अटैक में चल बसा
बेचारा स्वीस बैंक का कोड दिल में रखे था !
मरने दो साले को अभी तो बहुत हे.
बहुत सटीक व्यंग्य..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
Post a Comment