Sunday, November 21, 2010

शार्टकट

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दो-चार दिन का सफ़र बचा है, यह सोच वह मुझे अस्पताल में पटक गया
पंद्रह दिन बाद मुझे हस्ट-पुष्ट आता देख, वह दिल-पे हाथ रख शार्टकट से सटक गया !

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13 comments:

समयचक्र said...

vaah bahut badhiya sher uday bhai ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हा हा ...बढ़िया व्यंग

Sushil Bakliwal said...

बहुत बढिया उदयजी, लेकिन व्यंग की लम्बाई चार लाईन तक तो जाने ही दीजिये ।

kshama said...

Ha,ha,ha!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

उदय भाई, गजब का शॉट मारा है। जय हो।

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ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
विश्‍व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्‍त है।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

उदय भाई, गजब का शॉट मारा है। जय हो।

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ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
विश्‍व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्‍त है।

संजय भास्‍कर said...

ला-जवाब" जबर्दस्त!!

ZEAL said...

uski smartness uspar hi bhaari pad gayi

आपका अख्तर खान अकेला said...

shyam ji chutki to achchi he . akhtar khan akela kota rajsthan

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

उधारी का मामला लगता है...

संजय @ मो सम कौन... said...

उदय जी, देखन में छोटे लगे और घाव करे गंभीर।
बहुत शानदार।

मनोज कुमार said...

हा-हा-हा...
सच है..!
शायद .. कड़वा भी।

KISHORE DIWASE said...

कविताओं के जरिए मौजूदा हालात पार सटीक और मारक वक्रोक्तियां है आपकी. मजा आ रहा है. आज के युवा वर्ग , बाबावाद, पाखंड,कन्ज्युमेरिज्म ,सिय्सी नूरान कुश्ती, भ्रष्टाचार और घोटालों के रिकार्ड पर भी लिखिए.-किशोर दिवसे, बिलासपुर,छत्तीसगढ़