कौन कहता है हिन्दू-मुस्लिम में फर्क है
नहीं है फर्क जन्मों में - नहीं है फर्क रक्तों में
फर्क है तो तेरी आँखों - तेरी बातों में फर्क है
न हिन्दू भी अलग है, न मुस्लिम भी अलग है।
"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Friday, March 27, 2009
शेर - 25
Monday, March 23, 2009
बोल-अनमोल
“जिस दिन आप एक अनुचित व अनावश्यक कार्य पर नियंत्रण करोगे उसी दिन आपको एक श्रेष्ठ व सारगर्भित मार्ग दिखाई देगा।”
Saturday, March 21, 2009
शेर - 24
मिटटी के खिलौने हैं हम सब, मिटटी में ही रचते-बसते हैं
जिस दिन टूट-के बिखरेंगे, मिटटी में ही मिल जायेंगे ।
Wednesday, March 18, 2009
शेर - 23
फूलों में जबां तुम हो, खुशबू पे फिदा हम हैं
अकेले तुम तो क्या तुम हो, अकेले हम तो क्या हम हैं।
Tuesday, March 17, 2009
बोल-अनमोल
“स्त्री-पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं आपस में कोई छोटा-बडा नही है किसी एक के बिना समाज की कल्पना निरर्थक है।”
Monday, March 16, 2009
शेर - 22
इस तरह मुँह फेर कर जाना तेरा
देखना एक दिन तुझे तडफायेगा ।
Sunday, March 15, 2009
शेर - 21
वो बन गये थे रहनुमा, मुफ्त में खिलौने बाँटकर
खिलौने जान ले-लेंगें, ये सोचा नहीं था ।
Saturday, March 14, 2009
शेर - 20
ताउम्र समेटते रहे दौलती पत्थर
मौत आई तो मिटटी ही काम आई ।
Friday, March 13, 2009
शेर - 19
ये सच है तूने आँखों में समुन्दर को बसा रख्खा है
कितना गहरा है ये तो डूबकर ही बता पायेंगे ।
Monday, March 9, 2009
शेर - 18
रंगों से - गुलालों से, आँखों से - ख्यालों से
मिटा दो सदियों की रंजिस, गले लगकर होली से ।
शेर - 17
कुछ इस तरह अंदाजे बयाँ है तेरा
जिधर देखूँ बस तू ही तू आता है नजर।
Sunday, March 8, 2009
Saturday, March 7, 2009
शेर - 16
फूल कश्ती बन गये, आज तो मझधार में
जान मेरी बच गई, माँ तेरी दुआओं से।
Thursday, March 5, 2009
शेर - 15
अगर हम चाहते तो, बन परिंदे आसमाँ में उड गये होते
जमीं की सौंधी खुशबू और तेरी चाहतों ने, हमें उडने नहीं दिया।
Tuesday, March 3, 2009
शेर - 14
खंदराओं में भटकने से , खुली जमीं का आसमाँ बेहतर
वहाँ होता सुकूं तो, हम भी आतंकी बन गये होते।
Monday, March 2, 2009
Sunday, March 1, 2009
शेर - 13
क्यों शर्म से उठती नहीं, पलकें तुम्हारी राह पर
फिर क्यों राह तकते हो, गुजर जाने के बाद।