"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
वो बन गये थे रहनुमा, मुफ्त में खिलौने बाँटकरखिलौने जान ले-लेंगें, ये सोचा नहीं था ।
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