Thursday, January 1, 2015

नया साल

चलो. बढ़ें, गढ़ें …
कुछ नया ....... नये साल में, 

जीवन की आपा-धापी से
चुनें … कुछ लम्हें … नये साल में
दें आकार उन्हें … हम सदियों-सा,

कुछ करें, कुछ ऐसा कर जायें
पदचिन्ह हमारे …
युगों-युगों तक रह जायें, 

चलो, बढ़ें, गढ़ें …
कुछ नया ....... नये साल में !

2 comments:

संजय भास्‍कर said...

खट्टी-मीठी यादों से भरे साल के गुजरने पर दुख तो होता है पर नया साल कई उमंग और उत्साह के साथ दस्तक देगा ऐसी उम्मीद है। नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

कविता रावत said...

कुछ करें, कुछ ऐसा कर जायें
पदचिन्ह हमारे …
युगों-युगों तक रह जायें,
..बहुत सही कहा आपने ...
दूर की सोच हो तो तभी युगों नहीं तो कई साल इस संसार में याद किया जाता रहेगा ...
आपको भी नए साल की हार्दिक मंगलकामनाएं!