ज्यों ही हमने, उनसे....बिछड़ने का ढोंग रचा
उनके दिल में छिपी चाहत, नजर आने लगे ?
...
बच्चा-बच्चा वाकिफ है, उनके दलाली के हुनर से
अब 'खुदा' ही जाने, फिर...मचा क्यूँ बबाल है ??
...
छोड़ो, ... जाने दो, ... हम जी लेंगे 'उदय'
प्यार की भी, ........इक मियाद होती है ?
...
आज, फेसबुक पे, उनकी खुबसूरती के खूब चर्चे हैं
वजह ?...........तस्वीर, वर्षों पुरानी ठोक दी है ??
1 comment:
गुण भी रह रह कर सामने आ जाते हैं..
Post a Comment