हमारी मुफलिसी पर, वो कुछ इस कदर मुस्कुराए हैं 'उदय'
उफ़ ! जैसे उन्हें कोई, गड़ा खजाना मिल गया हो !!
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उफ़ ! बहुत मुश्किल बसर है, संग बुद्धिमानों के
उनकी बस की चले तो, सभी को मूर्ख कह दें !!
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जो चमचाई में जूते उठाने की आदत को, 'हुनर' मान बैठे हैं 'उदय'
अब उन्हें कौन समझाए, पगड़ी की अहमियत ?
1 comment:
सही है..
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