Saturday, March 31, 2012

फरेबी ...

उसकी आँखें हैं या कोई तिलस्मी मंजर है 'उदय'
सिर्फ देखा है एक बार, और हम अपने नहीं रहे !
...
वो तो, तेरी आँखों में नमी, हमसे देखी नहीं जाती
वर्ना ! तुझसा फरेबी, हमने देखा नहीं अब तक !!!

3 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

तिलस्म बाकायदा पसरा है।

Bhawna Kukreti said...

वो तो, तेरी आँखों में नमी, हमसे देखी नहीं जाती
वर्ना ! तुझसा फरेबी, हमने देखा नहीं अब तक !!!
WAH KYA BAAT HAI...:)

Sunil Kumar said...

दोनों शेर लाजबाब , मुबारक हो