"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Wednesday, December 21, 2011
रोड़ा ...
नफ़रत के शोले - दिलों में, दहकने लगे हैं ! कोई है - जो अमन चाहता ही नहीं है ! न जाने कौन है - जो राह में रोड़ा बना है ! क्यों है ? आखिर वो चाहता क्या है ? सुकूं, चैन, सत्य, अहिंसा से उसे परहेज क्यों है ??
1 comment:
हम सब जानते हैं उसके बारे में.
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