कल एक फ्रेंड का फोन आया, बधाई दी नवरचित पुस्तक के लिए, फिर बोला श्याम भाई किसी पब्लिशर से बात करूँ प्रकाशन के लिए, मैंने कहा हाँ कर सकते हो, उसने कहा - खर्च आयेगा ... मैंने कहा - समझा नहीं ... बोला - छपने पर जो भी खर्च आयेगा वह देना पडेगा ... मैं कुछ देर शांत रहा फिर धीरे से बोला - यार कुछ दिन रुक जाओ, फिर बताता हूँ ... काफी देर सोचता-विचारता रहा कुछ समझ से परे लग रहा था फिर सोचा दिमाग में उलझन रखने से बेहतर है अन्य मित्रों से समझ व जान लिया जाए, सांथ ही सांथ सामान्य ज्ञान भी बढ़ जाएगा ...
... क्या पुस्तक प्रकाशन के लिए लेखक को छपने का खर्च वहन करना पड़ता है ?
1 comment:
बिल्कुल वहन मत कीजिये, ब्लॉग जिन्दाबाद।
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