हर दीप बने जब दीवाली
हर आँगन में हो दीवाली !
दीप दीप से ...
जगमग-जगमग जगमगाए
गाँव-गाँव, शहर-शहर
हिन्दोस्तां में दीवाली !
तेरे मन में, मेरे मन में
खुशियों की हो दीवाली !
सूना न हो अब कोई दिल
और न हो अब खामोशी
'उदय' तू भी बन जा दीप मेरे संग
जग में कर दें रौशनी !
गाँव-गाँव, शहर-शहर
हिन्दोस्तां में हो दीवालीजगमग-जगमग जगमगाए
तेरी-मेरी ... दीवाली !!
हर आँगन में हो दीवाली !
दीप दीप से ...
जगमग-जगमग जगमगाए
गाँव-गाँव, शहर-शहर
हिन्दोस्तां में दीवाली !
तेरे मन में, मेरे मन में
खुशियों की हो दीवाली !
सूना न हो अब कोई दिल
और न हो अब खामोशी
'उदय' तू भी बन जा दीप मेरे संग
जग में कर दें रौशनी !
गाँव-गाँव, शहर-शहर
हिन्दोस्तां में हो दीवालीजगमग-जगमग जगमगाए
तेरी-मेरी ... दीवाली !!
2 comments:
सबके मन का अन्धतम मिटे, सबका जीवन सफल हो।
बहुत अच्छी, भावपरक व सार्थक रचना । आपको सपरिवार दीपावली की ढेरोँ शुभकामनाएं।ईश्वर की असीम अनुकंपा हो।
Post a Comment