टन टना टन
फन फना फन
झन झना झन
चम चमा चम
फट फटा फट
उठ उठा उठ
चल चला चल
लड़ लड़ा लड़
चढ़ चढ़ा चढ़
बढ़ बढ़ा बढ़
जय जय जय !
...
(नोट :- ... ये पंक्तियाँ शोधकर्ताओं, डाक्टरेट की उपाधी की चाह रखने वालों व साहित्यिक मठों के स्थापितों को ध्यान में रख कर लेखन में उतर आईं हैं .... जल्दबाजी में कोई ये न पूंछे कि यह क्या लिख दिया है मैंने ... अनुरोध है गंभीरतापूर्वक भावों को समझने का प्रयास करें ... धन्यवाद ...)
3 comments:
नहीं पूछेगें जी।
नहीं पूछेगें जी।
जय जय जय !
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