Friday, March 25, 2011

आलिंगन !!

जिन्दगी, एक एक पल
लंबा, बहुत लंबा सफ़र
दिन, जिन्दगी, सफ़र में
जब जब होती हूँ
मैं तुम्हारे आलिंगन में
सच ! कुछ देर को ही सही
पर जब तुम, तेज वेग से
समाते हो मुझमें
कुछ पल को मैं
सिहर सी जाती हूँ
पर जैसे ही तुम
पूरे समा जाते हो मुझमें
आनंदित हो, फूल सी
खिल, बिखर जाती हूँ
खुशबू सी महकने लगती हूँ
मैं, संग संग तुम्हारे !!

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

बेहतरीन कविता।