बेईमानी या इमानदारी ! वाह
बेईमानी की उम्मीद
कितनी, सिर्फ उतनी ही
जितना बेईमान का दायरा है
क्यों, क्योंकि, दायरे से बाहर
वो भी बेईमानी में
मुश्किल, कठिन, असंभव सा है !
किन्तु इमानदारी का सवाल
तो फिर सोचना ही क्या
कोई हद, मर्यादा, दायरा
शायद ! नहीं, क्यों
क्योंकि सवाल इमानदारी का है
इमानदारी का सवाल 'दिल'
और बेईमानी का 'मन' से है !
एक सरकारी कुर्सी पर
बैठा अफसर ! बेईमानी में
कुर्सी के दायरे को
बे-खौफ छू रहा है
और जब सवाल इमानदारी
तो 'दिल' को टटोलने
के लिए भी तैयार नहीं !
नेता, मंत्री ! उफ्फ
कोई हद नहीं, क्यों
इन्हें इमानदारी की फुर्सत
चर्चा, कोई मतलब नहीं
सिर्फ बेईमानी ! एक मन्त्र
वाह, क्या नज़ारे हैं
सच ! ये लोकतंत्र है !!
20 comments:
क्या क्या दिन दिखलायेगा जी,
मेरे प्यारे लोकतन्त्र जी।
बढ़िया लोकतंत्र ! शुभकामनायें आपको
वर्तमान व्यवस्था पर करार प्रहार.good.
क्या सटीक लिया है आपने......
साधुवाद.
bahut sateek likhaa aapne !
लोकतन्त्र लोगों से होता है. इन्सानी चोला रखे की्ड़े-मकोडों से नहीं...
आदरणीय उदय जी
नमस्कार !
लाजवाब...प्रशंशा के शब्द कहीं से मिल गए तो दुबारा आता हूँ...अभी
मेरी डिक्शनरी के सारे शब्द तो बौने लग रहे हैं...
मन और बुद्धि की लोकतांत्रिक समीक्षा बढिया है.
uday ji
kya tal -mel baithaya hai aapne
(imandari dil se aur baimani man se)
bahut badhiya vishleshhan kiya hai aapne dono ka ya yun kahiye yatharthpurn prastuti.
bahut khoob---
poonam
लोक तन्त्र मे मेरा भारत महान । जो दिल आये करो बेईमानी चोरी डकैती कुछ भी लोक तन्त्र जो है। शुभकामनायें।
बहुत करारा व्यंग जी आप से सहमत हे, धन्यवाद
loktantra ya bhrashttantra?
chinta jayaj hai!
उदय जी ,
आपने लोकतंत्र की सही तस्वीर पेश की है !
नव वर्ष की हार्दिक बधाई!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
उदय भाई, बहुत तगडा व्यंग्य मारा है। बधाई।
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मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
बढ़िया है जी । शुभकामनायें ।
बहुत करारा व्यंग मारा है| धन्यवाद|
एक और जोर का झटका धीरे से दिया है आपने
बधाई
वाह नया साल नया व्यंग छा गये आप तो शुभकामनायें
good poem
Sateek vyang hai ....
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