बड़े नेताओं के लिए नारे लगाए
बैनर पोस्टर दीवारों पे चिपकाएचौक-चौराहों पे नारेबाजी की
धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन में
कभी आगे, तो कभी पिछलग्गू बने रहे
माल लाने से, परोसने तक पीछे नहीं हटे !
और तो और, क्या क्या नहीं किया
जूते उठाने से भी कभी पीछे नहीं हटे
अब क्या बताएं कितनी तीन-पांच-तेरह
और पांच-तीन-अठारह की है
तब जाके, ले-दे के, बड़ी मुश्किल से
हम यहाँ तक पहुंचे हैं, ..... अब भला !
थोड़ी तिकड़मबाजी क्या कर ली
दो-चार गाड़ियां क्या बना ली
बंगला व बैंक बैलेंस क्या बना लिया
तो क्या गुनाह कर लिया है
बताओ, बताओ, हाँ तुम ही बताओ
क्या नेता होना गुनाह हो गया है !!!
13 comments:
बड़े नेताओं के लिए नारे लगाए
बैनर पोस्टर दीवारों पे चिपकाए
चौक-चौराहों पे नारेबाजी की
धरना, प्रदर्शन, आन्दोलन में
कभी आगे, तो कभी पिछलग्गू बने रहे
माल लाने से, परोसने तक पीछे नहीं हटे !
aajkal jo ho raha hai uska sachcha lekha jokha
बताईये, नेताओं के गुनाह भी कोई गुनाह हैं। नेतागिरी कर सकते हैं तो गुनाह नहीं कर सकते हैं?
नेता को कुत्ते ने काट लिया, एक सौ चौदह इन्जेक्शन लगवाने पड़े ..
...
...
कुत्ते को ...
थोड़ी तिकड़मबाजी क्या कर ली
दो-चार गाड़ियां क्या बना ली
बंगला व बैंक बैलेंस क्या बना लिया
तो क्या गुनाह कर लिया है
बताओ, बताओ, हाँ तुम ही बताओ
क्या नेता होना गुनाह हो गया है !!!
Neta bhi bane aur ye sab na karen??Tab to zaroor gunah hoga!
वाह अच्छा व्यंग हैनेताओं पर और सार्थक बी क्योंकि आजकल यही तो हो रहा है ..........
ये भी कोई गुनाह है!
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
विचार::आज महिला हिंसा विरोधी दिवस है
बहुत बढिया व्यंग
आपकी व्यंग्य कवितायें -कटाच्छ करते हुए सही बातें कह रही हैं.
आपकी इस पोस्ट का लिंक कल शुक्रवार को (२६--११-- २०१० ) चर्चा मंच पर भी है ...
http://charchamanch.blogspot.com/
--
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
very nice .
asha
सच कहा .. ये तो kuch भी नहीं kamaaya ... log भी na bas ...
excellent
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