देश में विकास के नाम पे
कौन-कौन से खेल हो रहे हैं
देश कंगाल, और नेता-अफसर
मालामाल हो रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
गरीब, गरीब हो रहे हैं
और अमीर, अमीर
विकास योजनाओं के नाम पे
भ्रष्टाचार सरेआम हो रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
लूट लूट के लुटेरे
मालामाल हो रहे हैं
लुट लुट के अस्मित
तार तार हो रही है
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
नोटों से खरीद के वोट
नेता चुनाव जीत गए हैं
फिर गरीबों के सीने पे
सरेआम मूंग-पे-मूंग दल रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
कल जिन्हें साईकिल
खरीदने के लाले थे
वे आज साईकिल वालों को
स्कार्पिओ से रौन्धते चल रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
कल जिन्हें बस का सफ़र
मुश्किल लगता था
वे आज हवाई जहाज से नीचे
पैर नहीं धर रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
शराबी, कबाबी, कबाड़ी,
चोर-उचक्के, गुंडे-मवाली,
भ्रष्टाचारी, नाकारे-निकम्मे
सारे-के-सारे बंदर-बांट कर रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !!!
10 comments:
उदय जी यह सच है ... कड़वा सच।
देख तेरे इस देश की हालत क्या हो गयी भगवान..
कि कितना बदल गया इन्सान।
जनता निर्धन हो रही, नेता मालामाल
आज के युग में देखिये लोकतन्त्र का हाल..
यही हिन्दुस्तान है..
उदय जी बेहतरीन कटाक्ष,
आज का हिन्दुस्तान ऐसा ही है
बहुत बढ़िया कटाक्ष ....
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !
बहुत बेहतरीन!
प्रेमरस.कॉम
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना मंगलवार 23 -11-2010
को ली गयी है ...
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
अच्छी रचना!
आपकी चिंता बहुत ही सामयिक और प्रासंगिक है ! शायद इसी को "अंधेर नगरी चौपट राजा" कहते हैं जिसका नाम हिन्दुस्तान है ! बहुत बढ़िया रचना !
कडवा सच तो यही है ...!
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