Saturday, November 20, 2010

ये कैसा हिन्दुस्तान है !

देश में विकास के नाम पे
कौन-कौन से खेल हो रहे हैं
देश कंगाल, और नेता-अफसर
मालामाल हो रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

गरीब, गरीब हो रहे हैं
और अमीर, अमीर
विकास योजनाओं के नाम पे
भ्रष्टाचार सरेआम हो रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

लूट लूट के लुटेरे
मालामाल हो रहे हैं
लुट लुट के अस्मित
तार तार हो रही है
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

नोटों से खरीद के वोट
नेता चुनाव जीत गए हैं
फिर गरीबों के सीने पे
सरेआम मूंग-पे-मूंग दल रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

कल जिन्हें साईकिल
खरीदने के लाले थे
वे आज साईकिल वालों को
स्कार्पिओ से रौन्धते चल रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

कल जिन्हें बस का सफ़र
मुश्किल लगता था
वे आज हवाई जहाज से नीचे
पैर नहीं धर रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !

शराबी, कबाबी, कबाड़ी,
चोर-उचक्के, गुंडे-मवाली,
भ्रष्टाचारी, नाकारे-निकम्मे
सारे-के-सारे बंदर-बांट कर रहे हैं
अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !!!

10 comments:

मनोज कुमार said...

उदय जी यह सच है ... कड़वा सच।

प्रवीण पाण्डेय said...

देख तेरे इस देश की हालत क्या हो गयी भगवान..

कि कितना बदल गया इन्सान।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जनता निर्धन हो रही, नेता मालामाल
आज के युग में देखिये लोकतन्त्र का हाल..
यही हिन्दुस्तान है..

Deepak Saini said...

उदय जी बेहतरीन कटाक्ष,
आज का हिन्दुस्तान ऐसा ही है

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया कटाक्ष ....

Shah Nawaz said...

अरे कोई तो बताये
ये कैसा हिन्दुस्तान है !


बहुत बेहतरीन!

प्रेमरस.कॉम

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना मंगलवार 23 -11-2010
को ली गयी है ...
कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..


http://charchamanch.blogspot.com/

अनुपमा पाठक said...

अच्छी रचना!

Sadhana Vaid said...

आपकी चिंता बहुत ही सामयिक और प्रासंगिक है ! शायद इसी को "अंधेर नगरी चौपट राजा" कहते हैं जिसका नाम हिन्दुस्तान है ! बहुत बढ़िया रचना !

वाणी गीत said...

कडवा सच तो यही है ...!