"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
बहुत बढि़या शेर है उदय भाई. खामोशी को अब तोड़ना होगा. हे बेवफा अब तो कमेंट चिपका दे. कुछ शब्द ना सही स्माईली तो लगा दे.
nice
Post a Comment
2 comments:
बहुत बढि़या शेर है उदय भाई. खामोशी को अब तोड़ना होगा.
हे बेवफा अब तो कमेंट चिपका दे. कुछ शब्द ना सही स्माईली तो लगा दे.
nice
Post a Comment