Saturday, June 26, 2010

ब्लागिंग .... मतलब चमचागिरी !!!

एक ब्लागर मित्र पूछ रहा था भाई साहब ये "ब्लागिंग" क्या है तीन-चार महिने से ब्लागिंग कर रहा हूं पर मुझे आज तक समझ नहीं आया ... चल अच्छा हुआ तुझे ब्लागिंग समझ नहीं आई, तू तो बस लिखता चल ... नहीं भईया बताओ न कुछ खास ... तो सुन ... ब्लागिंग .... मतलब चमचागिरी !!!

... क्यों मजाक कर रहे हो इसमे "चमचागिरी" कहां पर है सब अपना अपना लिखने में मस्त रहते हैं ... बेटा इधर आ और अपना "कान" खुजा के बैठ, बाद में कान "खुजाने" का टाईम नहीं रहेगा, तू सीधा कान पकड के नौंचने लगेगा ... क्यूं डरा रहे हो भईया ... डरा नहीं रहा तुझे सच्चाई बता रहा हूं ...

... सुन चमचागिरी के किस्से ... ब्लाग बनाते और पोस्ट लगाते ही साथ चमचागिरी का पहला कदम ... नामी-गिरामी, फ़िल्मकार, टी.व्ही.कलाकार, न्यूज चैनल के एंकर, पत्रकार, महिला ब्लागर, राजनैतिक ब्लागर ... साथ ही साथ कुछ और धुरंधर टाईप के ब्लागर जिन्होंने "ब्लागिंग गुट" बनाकर रखे हुए हैं ...

... इन लोगों की चमचागिरी शुरु करो ... वो कैसे ... इन सब के "फ़ालोवर" बन जाओ और उनके ब्लाग पर "चमचागिरीनुमा टिप्पणी" ठोकते चलो ... अब ये बता "चेले" किसको पसंद नहीं हैं ... जैसे ही तू इनका चेला बनेगा ... इनमें से कोई न कोई तुझे "पंदौली" देना शुरु कर देगा ... पंदौली मतलब कंधे पर बिठाकर घूमना ... मतलब तेरा "स्टार ब्लागर" बनना तय ... तू २०-२५ पोस्ट लगाकर भी "हीरो" बन जायेगा ...

... और अगर ऎसा नहीं किया तो अपने टाईप का "सामान्य ब्लागर" बन के रह जायेगा ... अगर तू बोलेगा तो बता दूंगा ब्लागजगत में ऎसे कितने "चेले" हैं जो "हिट ब्लागर" हैं ... हां बता दो भईया ... पर मेरे कान में ... मैं सबसे पहले इन "चेले टाईप के गुरुओं" का ही "चेला" बन जाता हूं ...

... पर एक बात और ध्यान में रखना ... यह ब्लागजगत है यहां अदभुत, चमत्कारी, जिंदादिल, शेरदिल, "ब्लागर" भी हैं इनके ब्लाग पर बिलकुल ऎसे ही लोग टिप्पणी करते हैं ... तू भी कभी कभी चला जाया कर नमस्कार करने ... चल जा दूसरा किस्सा बाद में बताऊंगा अभी तो इसी पे अमल कर एक महिने के अंदर तू मेरे ब्लाग से भी आगे निकल जायेगा ... जय जय ब्लागिंग !!!
(निर्मल हास्य)

24 comments:

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

जय जय ब्लागिंग !!!

राजीव तनेजा said...

सही है...कडुवा सच उगलते रहिये...

36solutions said...

जय हो, जय हो नये पुराने मठाधीशो की जय हो !!
चम्‍मच पसंद ब्‍लॉगरों की भी जय हो !!
टिप्‍पणी इनवेस्‍टमेंट में माहिर बेताजों की जय हो !!
ब्‍लॉग की वाणी का भट्ठा बैठाने वाले सौ प्रतिशत असल ब्‍लागर की जय हो.

प्रवीण said...

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आपका फ्रस्ट्रेशन भी अब हदों को पार कर गया है...

थोड़ा आराम क्यों नहीं कर लेते यार, पका के रख दिया है सभी को !

{निर्मल हास्य ही समझा जाये...;)}

शोभा said...

हा हा हा बात में दम है।

Gyan Darpan said...

... जय जय ब्लागिंग !!!

Unknown said...

भैया जी,

चमचागिरी के मुकाबले "पंगा" लेना अधिक उपयुक्त तरीका है…। किसी "मठाधीश" से पंगा लो, फ़िर उसके ब्लॉग पर भड़ास निकालो, यदि टिप्पणी लेने से मना कर दे तो अपने ब्लाग पर शुरु हो जाओ… देखो फ़िर कैसे रातोंरात फ़ॉलोअर और टिप्पणियाँ मिलती हैं। अगले कदम के तौर पर खुद ही एसोसियेशन बना डालो, आर्थिक रुप से सक्षम हो तो ब्लागरों को हाँक लाओ और एकाध पार्टी-वार्टी दे डालो, फ़िर भी बात न बने तो चर्चाकार ही बन जाओ यार…। 25-50 आलतू-फ़ालतू चिठ्ठों की चर्चा करो, महिलाओं वाले चिठ्ठों में तो उनकी सुदर्शन फ़ोटो भी चर्चा में चिपकाओ…।

चमचागिरी का रास्ता तो लम्बा है भाई… और सफ़लता की गारण्टी भी नहीं है… :)

vandana gupta said...

बहुत ही कडवा सच कह दिया……………हा हा हा।

Dev said...

एकदम कड़वा सच ........जय हो ब्लोगिंग

1st choice said...

उदय अंकल जिंदावाद

1st choice said...

अंकल अंकल आप तो बाजा फ़ाडो|

1st choice said...

फ़ोड डालो बाजा को|

माधव( Madhav) said...

to some extent , agreed

1st choice said...

अंकल अपुन को आपका आखिरी सुपाडी भी पढने को मांगता।

1st choice said...

... बेटा इधर आ और अपना "कान" खुजा के बैठ, बाद में कान "खुजाने" का टाईम नहीं रहेगा, तू सीधा कान पकड के नौंचने लगेगा ...

इसका मतलब क्या है अंकल?

شہروز said...

वाजिब बात !! तुम मुझे हाजी kaho main तुम्हें हाजी कहूं!

मनोज कुमार said...

कड़वा है ...
किन्तु ....
सच है!!!

राज भाटिय़ा said...

अब हम क्या कहलायेगे जी.... चम्चा??

आपका अख्तर खान अकेला said...

uday bhai sch kdvaa hotaa he lekin sch likhne kaa saahs kiyaa iske liyen bdhaayi aajkal shaayd aap hmse naaraaz hen hme sudhaar ke tips nhin de rhe he so ustaad plz kuch sikhaate rho. akhtar khan akela kota rajsthan

कडुवासच said...

@प्रवीण शाह
... शाह जी अभी पूरी तरह "पका" नहीं है अभी तो पकना बांकी है!!!

कडुवासच said...

@ब्लाग बाबू
...अभी "आखिरी सुपाडी" आयेगी ... तनिक इंतजार करना पडेगा!!!

hem pandey said...

निर्मल हास्य के बहाने कडुवा सच उगला है. साधुवाद.

राम त्यागी said...

क्यों अपना भी मूड खराब कर रहे हो इन बातों में ..वैसे में सुरेश जी कि बात से सहमत हूँ ..पंगेबाजी भी फैमस बना देती है

महेंद्र मिश्र said...

:)