आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ
है मुझको ये खबर
तू नही है 'मै' के साथ
पी रहा हूं, आज फ़िर
मैं तेरी यादों के साथ
'मैकदा' है या है 'मै'
कौन जाने क्या पता है
'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !
14 comments:
waah sirji bahut achche...
वाह ,,,! क्या बात है !
इसे पढ मेरा मैं आपके मैं में कहीं खो गया
अलग जा रहा था अब रस्ता एक हो गया
इसे पढ मेरा मैं आपके मैं में कहीं खो गया
अलग जा रहा था अब रस्ता एक हो गया
वाह वाह जी बहुत सुंदर, धन्यवाद
अरे! वाह............. बहुत खूब............
बहुत खूब, महाराज!
बहुत बढिया
बहुत पी ली भैया
चलो अब घर चलो:)
बम बम बम बम डम डम डम डम
आईये जाने ..... मन ही मंदिर है !
आचार्य जी
'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !
bahut khub
Aisee kaunsee 'may' hai jo 'mai' ko aaraam dila de...
'मैकदा' खामोश है
जब तू नही है 'मै' के साथ
आज फ़िर बैठा हूं 'साकी'
मैं तेरी यादों के साथ !
.....bahut hi shaandar.unki yaadoM ke saath to main bhi may ho jaataa hai.
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