...अरे भाई साहब ... आप क्यों तैस में आ रहे हैं ... क्या किया है, तो लो सुनो ....ब्लागजगत एक सार्वजनिक मंच है, किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जब कोई किसी को इंगित करते हुये अपशब्द बोलेगा या लिखेगा जिससे उसको व अन्य लोगों को बुरा लगे भारतीय दण्ड विधान की धारा - २९२,२९३,२९४ के अंतर्गत संज्ञेय व दण्डनीय अपराध है, अपराध सिद्ध होने पर सजा/जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है ...
... अब सब देख ही रहे हैं .... कौन-कौन क्या-क्या अपशब्द छापे पड़े हैं ... और किस किस को बुरा लग रहा है ... और कौन कौन पढ कर बुरा महसूस कर रहा है ... इसके साथ-साथ मानहानी के मुकदमें में तो कुछ लोगों की लुटिया भी डूब सकती है !!!! .... ऎसा लग रहा है कि कुछ ब्लागर जैल जाने की कगार पर हैं !!! ... देख के भईये ... जरा सोच समझ कर लिखो कहीं ऎसा न हो कि लेने-के-देने पड जायें ....!!!!!!!!
( vishesha teep : - is tippanee ko bhee is post kaa hissaa samajhaa jaaye )
Akhtar Khan Akela said...
bhaai jaan aap ipc ki dhaaraa 500,504,506,469 or cybr act kaa qaanoon btaanaa bhul gye jisme tin se ds vrsh ki szaa or 5 laakh rupye jurmaanaa he fir muqdmaa jis hehr men chlegaa vhaa taarikhon pr aane jaane ki diqqt alg se he . akhtar khan akela kota rajsthan
31 comments:
भैया, ये सलाह है… या कुछ और्… :) :)
किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जब कोई किसी को इंगित करते हुये अपशब्द बोलेगा या लिखेगा जिससे उसको व अन्य लोगों को बुरा लगे भारतीय दण्ड विधान की धारा - २९२,२९३,२९४ के अंतर्गत संज्ञेय व दण्डनीय अपराध है, अपराध सिद्ध होने पर सजा/जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है ...
वाह वाह उदय जी .क्या बात कही है .......
wah kya gajab ki salah hai ...............
अब जिसको जाना है तो जाए
हम जेल में ही मिल आएंगे।:)
वैसे सबको एक मर्यादा स्वयं ही बनानी चाहिए कि क्या लिखे और क्या न लिखे। जहां अपशब्दों की नौबत आए वहां पूरी कोशिश करनी चाहिए कि अपना सम्मान न गिरे। वैसे आपकी चेतावनी बड़ी डरावनी है। अभी जिस तरह का लड़ाई-झगड़ा चल रहा है उसमें गुस्से में कोई कुछ भी कर सकता है।
श्याम भाई। बुरा लगे तब भी सह लेता हूं। अगर अच्छा करना है तो इतनी कुर्बानी करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है और न ही मैं बड़ा बनना चाहता हूं। वैसे वे सब भी अपनी तरफ से अच्छा ही कर रहे होंगे और जो भी व्यक्ति जिस कार्य को करता है अपनी तरफ से बेहतर ही करता है। मैं तो स्वीकार करता हूं कि इसमें भी अवश्य ही भलाई छिपी होगी जो अभी हमें दिखलाई नहीं दे रही है। वे कोई दुश्मन थोड़े ही हैं, हमारे ब्लॉग साथी हैं। परिवार में भी कई बार ऐसी गलतफहमियां हो जाती हैं तो उनका भी हल निकाला जाता है लेकिन अगर अभी उनको कहने से बीच में रोकेंगे तो फिर दोबारा यही होगा इसलिए एक बार ही वो अपने मन का सारा मैल बाहर निकाल लें। सारा गुस्सा प्रकट कर दें तो उसके बाद जो माहौल बनेगा बहुत शांतिप्रदायक और मनभावन बनेगा। मैं चाहूंगा कि अपशब्द बोलने वाले कहने वाले जरूर जेल जाएं परन्तु तिहाड़ या सरकारी नहीं, मेरे मन की जेल में खुद बंद हो जाएं या मुझे बंद कर दें अपने मन की जेल में। बस इसी सब की प्रतीक्षा है मुझे और जब सही समय आएगा, सब सही हो जाएगा। लगेगा ही नहीं कि ऐसा कुछ अप्रिय घटा भी है कभी।
श्याम भाई। बुरा लगे तब भी सह लेता हूं। अगर अच्छा करना है तो इतनी कुर्बानी करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है और न ही मैं बड़ा बनना चाहता हूं। वैसे वे सब भी अपनी तरफ से अच्छा ही कर रहे होंगे और जो भी व्यक्ति जिस कार्य को करता है अपनी तरफ से बेहतर ही करता है। मैं तो स्वीकार करता हूं कि इसमें भी अवश्य ही भलाई छिपी होगी जो अभी हमें दिखलाई नहीं दे रही है। वे कोई दुश्मन थोड़े ही हैं, हमारे ब्लॉग साथी हैं। परिवार में भी कई बार ऐसी गलतफहमियां हो जाती हैं तो उनका भी हल निकाला जाता है लेकिन अगर अभी उनको कहने से बीच में रोकेंगे तो फिर दोबारा यही होगा इसलिए एक बार ही वो अपने मन का सारा मैल बाहर निकाल लें। सारा गुस्सा प्रकट कर दें तो उसके बाद जो माहौल बनेगा बहुत शांतिप्रदायक और मनभावन बनेगा। मैं चाहूंगा कि अपशब्द बोलने वाले कहने वाले जरूर जेल जाएं परन्तु तिहाड़ या सरकारी नहीं, मेरे मन की जेल में खुद बंद हो जाएं या मुझे बंद कर दें अपने मन की जेल में। बस इसी सब की प्रतीक्षा है मुझे और जब सही समय आएगा, सब सही हो जाएगा। लगेगा ही नहीं कि ऐसा कुछ अप्रिय घटा भी है कभी।
वैसे जेल में जब महफिल जुटेगी तो ..
वाह ..
मैं तो कैमरा लेकर जाऊँगा
जेल जाने बाले सेनानी कहे जाएँगे . उन्हे पेन्शन मिलेगी । अभिनिन्दन होगा । उनके लिखे ब्लाँग का अखण्ड पाठ होगा ।
जेल के बाद मेल . फिर खतम खेल ।
अरे वाह!...फिर तो जेल में भी रोज-रोज ब्लॉगर मीट हुआ करेगी ...
ये सब तो खैर मजाक था...अब चेतावनी भी हो जाए...
अरे भईय्या...सुन रहे हो ना?...
अगर जेल में बात के चक्की पीसने का मूड ना हो तो ज़रा सोच समझ कर लिखें ...कल को लेने के बजाए देने भी पड़ सकते हैं
पुत्र
तू क्यों समझाने बैठ गया
जाने दो कुछ दर्शन भी कर लें तो क्या बुराई है
पापा जी
kisi ke prati apshabd ya gaali kaa prayog nahi hona chaahiye.....han yedi sirf virodh jataane par aisa hota hai to main jaananaa chaahataa hun kya jain me blogging karane kaa mouka milega..???
तो लो सुनो ....ब्लागजगत एक सार्वजनिक मंच है
gajab ki baat banayi hai .....................
bhaai jaan aap ipc ki dhaaraa 500,504,506,469 or cybr act kaa qaanoon btaanaa bhul gye jisme tin se ds vrsh ki szaa or 5 laakh rupye jurmaanaa he fir muqdmaa jis hehr men chlegaa vhaa taarikhon pr aane jaane ki diqqt alg se he . akhtar khan akela kota rajsthan
chaliye aapne aise logo ko sawdhaan to kiya
बड़े भाई ! धमकी है या सलाह :) : ) :) ,,,,धमकी है तो नहीं मानेंगे ,,,सलाह है तो कुछ कम कर देंगे ?????????
क्या जेल मे ब्लोग सुविधा प्राप्त होगी ?
क्या जेल मे ब्लोग सुविधा प्राप्त होगी ?
अरे बाबा,क्यो डराते हो जी.... हम तो कभी जेल के पास से नही गुजरे..... राम राम राम
ab jara soch samaj kar kadam uthana padega
soch raha hun comments bhi karu ya nhi kahi jabardsti di gai tippani se koi mukadma na kar de
jankari ke liye aabhar aap ka
Anonymous said...
ये श्याम कोरी उदय कौन है ?
कह रहा है सब जेल जाने की कगार पर हैं.
इसको जेल की कोठरी दिखानी ही पड़ेगी.
June 3, 2010 1:17 PM
'उदय' said...
...ये किस "बेनामी हिजडे" ने मेरा नाम उछाला है ... दम है तो सामने आये ... दुम दबा कर क्यों घूम रहा है ...!!!
June 3, 2010 6:01 PM
...किसी बेनामी कुकुरमुत्ते/हिजडे ने मेरा नाम मिथलेश दुबे के ब्लाग पर उछाला था उसे जवाब दे दिया हूं ... हू-व-हू यहां भी दर्ज है !!!!
अरे वाह!...फिर तो जेल में भी रोज-रोज ब्लॉगर मीट हुआ करेगी ...
बुरा मत देखो , बुरा मत सुनो , बुरा मत कहो ।
डॉ. टी. एस.दराल की सलाह बिलकुल उपयुक्त है.
जेल मे खेल करेन्गे तब तो
सुरक्षा कारणों से कुछ लोग ज़ेल से ही बेनामी टिप्पणी कर रहे हैं, उनका क्या ?
सुरक्षा कारणों से कुछ लोग ज़ेल से ही बेनामी टिप्पणी कर रहे हैं, उनका क्या ?
नाम बड़े और दर्शन छोटे : छोटे नहीं खोटे हैं महाशक्ति : नीशू तिवारी के रट्टू तोते हैं http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/06/blog-post_03.html अपनी राय देते जाना जी।
आपका आलेख गहरे विचारों से परिपूर्ण होता है।
चाहे सलाह हो या चेतावनी, लेकिन लेख से सहमति
ब्लाग तो क्या वैसे भी अपशब्द नहीं कहता मैं तो और जेल जाने से भी बहुत डर लगता है।
सही समय पर चेताया।
प्रणाम
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