"चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए / तुम झुकते नहीं, और मैं चौखटें ऊंची कर नही पाता !"
Saturday, March 13, 2010
क्या रेल्वे स्टेशनों व ट्रेनों में डाक्टर, दवाई दुकान अथवा फ़स्टऎड की सुविधा नहीं होना चाहिये ?
रेल्वे स्टेशन जहां प्रतिदिन सैकडों गाडियों का आना-जाना, लाखों मुसाफ़िरों का उन गाडियों से गुजरना, हजारों लोगों का हर क्षण स्टेशन पर बना रहना गाडियों के इंतजार में या किसी आगन्तुक के इंतजार में या किसी को विदा करने के इंतजार में या फ़िर सामान्यतौर पर रिजर्वेशन इत्यादि के लिये, यह भीड व आवाजाही आम बात है ..... इसी आपा-धापी में कभी कोई ट्रेन में चढते-उतरते समय गिर जाता है, कभी ओवरब्रिज पार करते समय गिर जाता है, कभी-कभी बैठे-बैठे ही चक्कर आने पर जी मचलाने लगता है, और कभी-कभी मोबाईल पर मिले संदेशों से भी ब्लडप्रेशर कम-ज्यादा होने लगता है ...... इन आपातकालीन स्थितियों में हर किसी को डाक्टर, दवाई दुकान अथवा फ़स्टऎड की आवश्यता होती है ..... ट्रेन आ रही है, आ गई है, छूट रही है, छूट गई है इन पलों में पीडित आखिर जाये तो जाये कहां ? ....... क्या रेल्वे स्टेशनों व ट्रेनों में डाक्टर, दवाई दुकान अथवा फ़स्टऎड की सुविधा नहीं होना चाहिये ? ..... यदि यह सुविधा होना चाहिये तो "हमारी सरकार, रेल मंत्रालय, रेल प्रबंधन, मीडिया" कोई सार्थक व सकारात्मक पहल क्यों नहीं कर रहे हैं ?
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8 comments:
suvidha honi chaiye jaroori hai...
First Aid /medical help ki suvidha har public seva mein Zarur hoti hogi.Lekin logon ko maluum nahin hoga kahan se yah suvidha leni hai.
Aap check kareeye...
Aur agar yah suvidha nahin hai to iski shikayat darz karani chaheeye..kyon ki free first aid [at these places]milna bhi ek nagrik ka adhikar hai.
मेडिकल की सुविधा हर जगह पर होनी चाहिए और जहाँ पर ये सुविधा उपलब्ध है लोगों को इस बारे में पता होनी चाहिए! मेडिकल की ज़रुरत कहाँ किस समय हो इसलिए हर जगह पर इसकी सुविधा होना अति आवश्यक है!
बात आप की बिलकुल सही है, वेसे युरोप के हर बडे स्टेशन पर मेडिकल सहायता ओर मेडिकल स्टोर २४ घंटे खुले रहते है, लेकिन अगर हमारे भारत मै स्टेशन पर ऎसी सुबिधा मिली तो १००% नकली दवाईयां ही मिलेगी, इस लिये रहने दो भाई इस सेवा को
सुविध होनी चाहिये। वैसे राज भाटिया जी की बात भी सही है। बहुत कुछ होना बाकी है मगर भ्रश्टाचार सब कुछ निगल रहा है। धन्यवाद ये विश्य उठाने के लिये।
आपने सही कहा है।
रेल्वे को स्टेशन पर प्राथमिक चिकित्सा
उपलब्ध करनी चाहिए,
सवारियों को अस्वस्थता की हालत मे
बहुत ही परेशानी होती है।
देखने मे आ रहा है रेल के सफ़र मे
मौतों की संख्या बढ गई है।
लेकिन नक्कारखाने मे तुती की आवाज
कौन सु्नता है। इस विपदा से मै गुजर चुका हुँ।
कहने के लिए प्राथमिक चिकित्सा का सामान
गार्ड के पास होता है लेकिन उसमे भी दवाई
नही रह्ती है।
शानदार पोस्ट के लिए आभार
ये सुविधाएं ज़रूर होनी चाहिए।
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