..... चलते चलते कुछ "शेर" प्रस्तुत हैं :-
है मुमकिन करो कोशिश , तुम मुझको भूल जाने की
पर नामुमकिन ही लगता है, भुला पाना मुझे यारा।
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पर नामुमकिन ही लगता है, भुला पाना मुझे यारा।
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चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए
तुम झुकते नहीं, और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता ।
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चलो आए, किसी के काम तो आए
किसी दिन फिर, किसी के काम आएंगे ।
9 comments:
जोहार ले श्याम भाई,
हनुमान जयंती के गाड़ा गाड़ा बधाई
बोल पवन सुत हनुमान की जय
बधाईयाँ गाडा भरके.
बहुत बधाई...
चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए
तुम झुकते नहीं, और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता
-शानदार शेर!!
गाड़ा गाड़ा बधाई :)
बधाई जी बधाई
चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए
तुम झुकते नहीं, और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता ।
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कमाल की बात है
है मुमकिन करो कोशिश , तुम मुझको भूल जाने की
पर नामुमकिन ही लगता है, भुला पाना मुझे यारा।
..............-शानदार शेर!बधाई!
तुम अगर भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको /मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है
चलो अच्छा हुआ, जो तुम मेरे दर पे नहीं आए
तुम झुकते नहीं, और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता
बधाई ... आपके ये शेर बहुत कमाल का लगा ...
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