किसी का दिया फ़ूल
हाथों में सजाये हैं
तेरे लिये "वेलेन्टाईन डे" पर
झूठी बहार लाये हैं
दिलों में कुछ नही है उनके
इसलिये हाथों मे फ़ूल सझाये हैं
नजर दौडायेगी
तो हर हाथों में फ़ूल पायेगी
उठा नजर
मत देख मेरे हाथों को
देख सकती है, तो देख
"दिल" ही "गुलाब" है मेरा।
10 comments:
इन मुद्दों पर सजग और गंभीर रहना बेहद जरूरी है ।
दिल ही गुलाब है ..... सच कहा दिखावे में क्या रखा है ... बहुत अच्छा लिखा ..........
उठा नजर
मत देख मेरे हाथों को
देख सकती है, तो देख
"दिल" ही "गुलाब" है मेरा।
waah bahut khoob
dil hi gulaab hai mera
किसी का दिया फ़ूल
हाथों में सजाये हैं
तेरे लिये "वेलेन्टाईन डे" पर
झूठी बहार लाये हैं
सही है...आजकल भावनाए दिखावा बन गयी हैं...इसलिए इस तरह की रूखी कविताओं का जन्म हो रहा है...वास्तविकता यही है...एयर सही है...
waah .........kya baat kah di.......zabardast.
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
उठा नजर
मत देख मेरे हाथों को
देख सकती है, तो देख
"दिल" ही "गुलाब" है मेरा।
बहुत सुंदर लगी आप की यह रचना
धन्यवाद
वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !!
_________________________________
"शब्द-शिखर" पर सेलुलर जेल के यातना दृश्य....और वेलेंटाइन-डे पर "पहला प्यार" !
"दिल" ही "गुलाब" है मेरा।
यही सही है।
वैसे भी गुलाबों में अब खुशबू कहाँ।
संपूर्णता. धन्यवाद उदय जी.
Post a Comment